देवेंद्र झाझरिया जीवन परिचय/ कहानी , कद, उम्र, राज्य, गांव, शिक्षा धर्म, माता-पिता, शिक्षा, परिवार। ( Devendra Jhajharia biography in hindi, Height,state, village, Age, Wife, Education, Family )
नमस्कार आज बात करने जा रहे भारत के एक होनहार पैरालंपिक खिलाडी देवेंद्र झाझरिया के बारे में इनकी कहानी बहुत ही प्रेरित करनी वाली है और आप सभी को उनकी कहानी को जननी चाहिए।
देवेंद्र झाझरिया जीवन परिचय (Devendra Jhajharia biography)

देवेंद्र झाझरिया एक भारतीय पैरालंपिक खिलाडी हैं भाला फेंकने के पैरालिंपियन प्रतिस्पर्धा में भारत का नेतृत्व करते हैं, देवेंद्र दो स्वर्ण पदक जीतने वाले भारत के पहले पैरालंपिक एथलीट हैं।
उन्होंने एथेंस में 2004 के ग्रीष्मकालीन पैरालिंपिक में भाला फेंक में अपना पहला स्वर्ण पदक जीता। उसके बाद उन्होंने रियो में 2016 के ग्रीष्मकालीन पैरालिंपिक में उससे बेहतर प्रदर्शन करते हुए दूसरा स्वर्ण पदक जीतकर अपना ही पिछला रिकॉर्ड तोड़ दिया।
टोक्यो में 2020 में सम्पन्न हुएग्रीष्मकालीन पैरालिंपिक में रजत पदक जीता जो की ये इनका तीसरा पदक था इस जीत के साथ देवेन्द्र अन्य सभी पैरालंपिक एथलीटों से आगे निकल गए।
देवेंद्र झाझरिया का जीवन परिचय
देवेंद्र का जन्म 10 जून 1981 को राजस्थान के चुरू जिले में हुआ था। इनकी माता का नाम जेवानी देवी और पिता का नाम राम सिंह झजरिया है।
देवेंद्र की पत्नी का नाम पत्नी, मंजू है जो खुद एक कबड्डी में पूर्व राष्ट्रीय चैंपियन हैं इनके दो दो बच्चे हैं जिनका नाम जिया और काव्यान है।
देवेन्द्र जब मात्र 8 वर्ष के थे उनके साथ एक दुर्घटना हुयी वे किसी पेड़ पर चढ़ रहे थे और तभी अनजाने में एक बिजली के तार को छु दिया और दुर्भाग्य से उस समय बिजली थी।
इसके बाद उन्हें इलाज के लिए अच्छे से अच्छे उनका डॉक्टर से उनका इलाज कराया गया लेकिन उन्हें उन्हें अपना बायां हाथ इस दुर्घटना की वजह से गवाना पड़ा।
देवेंद्र झझरिया परिवार, जन्म, उम्र (Devendra Jhajharia)
नाम | देवेंद्र झझरिया |
पिता का नाम | राम सिंह झझरिया |
माता का नाम | जेवानी देवी |
पत्नी | मंजू |
बच्चे | जिया और काव्यान |
जन्मदिन | 10 जून 1981 |
उम्र | 41 वर्ष (2022 में ) |
पेशा | एथलीट |
उचाई | 6 फ़ीट |
जन्मस्थान | राजस्थान (चूरू ) |
स्कूल और कॉलेज | स्कूल गवर्नमेंट हाई स्कूल, रतनपुरा, चुरू, राजस्थान और एमएमपीजी कॉलेज, हनुमानगढ़, राजस्थान |
देवेंद्र झाझरिया का करियर (Devendra Jhajharia)
बात 1997 की है जब एक स्कूल खेल दिवस में प्रतिस्पर्धा के दौरान कोच आर. डी. सिंह की नजर देवेन्द्र पर पड़ी वो उनसे बहुत प्रभावित हुए।
इसके बाद उन्होंने देंवेद्र को कोचिंग देने की पेशकश की जो देवेन्द्र के लिए बड़े सम्मान की बात थी क्योकि कोच आर. डी. सिंह खुद द्रोणाचार्य से नवाजा जा चूका है इस तरह देवेन्द्र के करियर का यह अहम पड़ाव सबित हुआ।
देवेन्द्र ने साल 2004 के पैरालिंपिक में खेल में भाग लिया और वहां उन्होंने देश के लिए स्वर्ण पदक जीतने सफल रहे।
उन्होंने अपनी इस जीत का श्रेय भी अपने कोच आर. डी. सिंह को देते हुए कहा कीउनके कोच उन्हें बहुत मार्गदर्शन प्रदान करते हैं और प्रशिक्षण के दौरान उनकी सहायता करते हैं।
देवेंद्र झाझरिया के अवार्ड्स और अचीवमेंट्स (Devendra Jhajharia)

- मेजर ध्यानचंद खेल रत्न (2017)
- फिक्की पैरा-स्पोर्ट्सपर्सन ऑफ द ईयर (2014)
- पद्म श्री (2012)
- अर्जुन पुरस्कार (2004)
- पद्म भूषण (2022)
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देवेंद्र झझरिया का वर्तमान जीवन (Devendra Jhajharia)
अभी के समय में देवेंद्र झझरिया पाला राजस्थान वन विभाग में कार्यरत हैं इससे पहले वो भारतीय रेलवे के में कामकर्मचारी रह चुके थे।
FAQs
देवेंद्र झाझरिया एक भारतीय पैरालम्पिक एथलीट है जो पैरालंपियन खेलों में भारत का भाला फेंक में नेतृत्व किया है और दो बार स्वर्ण पदक अपने नाम किया है।
देवेंद्र झाझरिआ स्नातक तक की (बैचलर ऑफ़ आर्ट्स) की पढाई एमएमपीजी कॉलेज, हनुमानगढ़, राजस्थान से पूरी की है।
Conclusion
उम्मीद है आपको आज का येपोस्ट देवेंद्र झाझरिया का जीवन परिचय (Devendra Jhajharia biography in hindi biography in Hindi) । अन्य प्रसिद्ध लोगो की जीवनी हमारे ब्लॉग पर पढ़ सकते है। आप हमेशा ट्रेंड में रहने वाले चीजों को जानने के लिए हमारे ब्लॉग पर बने रहें।