शिवमंगल सिंह (सुमन) जीवन परिचय/बायोग्राफी, जन्म, जन्मस्थान,रचनाएँ, कवितायेँ, परिवार शिक्षा।
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शिवमंगल सिंह (सुमन) जी छायावाद के अंतिम चरण में कार्य क्षेत्र में आये और प्रारंभ में प्रेम गीत ही लिखते रहें।
लेकिन देश के उस समय अंग्रेज शासन में दशा को देखते हुए बाद में उन्हें ये एहसास हुआ की जीवन में और दुसरे लक्ष्य हैं जो की प्रेम से अधिक कोई महत्वपूर्ण है वह लक्ष्य है देश के प्रति कर्तव्य का।
देश की राष्ट्रीय आंदोलन से प्रभावित होकर उन्होंने स्वतंत्रता की उस आन्दोलन अपनी लेखनी से अहम् योगदान दिया।
शिवमंगल सिंह ‘सुमन’ का जीवन परिचय (Shivmangal Singh ‘Suman’ ka jeevan parichay)

प्रेम गीतों के मशहूर गायक सुमन जी का जन्म 5 अगस्त 1915 में बसंत पंचमी के दिन उन्नाव जिला के झगरपुर गांव में हुआ था।
सुमन जी बाल्यावस्था से ही ग्वालियर में चले जाएं उनकी शिक्षा ग्वालियर से ही संपन्न हुई आगे चलकर क्रांतिकारियों के संपर्क में आने से उनके मन में क्रांति की भावना जल उठी।
क्रांतिकारी गतिविधि में संलग्न हो जाने से उनकी पढ़ाई बीच में ही बाधा उत्पन्न हो गई। 1940 में इन्होने काशी हिंदू विश्वविद्यालय की एम. ए. किया और उसके बाद आगे इन्हें डी. फील. की उपाधि प्राप्त हुयी।
शिवमंगल सिंह (सुमन) जी का अधिकांश जीवन शिक्षक के रूप में व्यतीत हुआ फिर आगे चलकर विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति नेपाल में भारतीय दूतावास में सांस्कृतिक सजीव भी रहे।
हिंदी भाषा की इस सुप्रशिडद कवि शिवमंगल सिंह (सुमन) जी का 27 नवम्बर 2002 में हो निधन हो गया।
शिवमंगल सिंह ‘सुमन’ शिक्षा, उम्र, जन्मदिन, माता पिता अन्य ( Shivmangal Singh ‘Suman’ Birthplace , Age, Birthday, Family and more )
वास्तविक नाम (Real Name) | शिवमंगल सिंह ‘सुमन’ |
पेशा (Profession ) | कवि, लेखक |
जन्म (Date of Birth) | 5 अगस्त 1915 |
निधन ( Death ) | 27 नवम्बर 2002 |
जन्मस्थान (Birth Place) | उन्नाव ( झगरपुर ) गांव |
शिक्षा (Education ) | हिंदू विश्वविद्यालय |
कॉलेज (College ) | एम. ए. |
प्रमुख रचनाएं | जीवन के गान प्रलय सृजन, विश्वास बढ़ता चला गया विन्ध्य हिमालय |
परिवार ( Family ) | पिता ( Father ) – ज्ञात नहीं माता (Mother ) – ज्ञात नहीं |
धर्म (Religion ) | हिन्दू |
शिवमंगल सिंह ‘सुमन’ का साहित्यिक परिचय
सुमन जी छायावाद के अंतिम चरण में काम क्षेत्र में आए इनकी प्रारंभ की रचनायें में प्रेम भावना पर आधारित थी उसमे इन्होने अनेक रूपों का सृजन किया।
स्वाधीनता आंदोलन में शोषित वर्ग की पीड़ा, पूंजीवादी व्यवस्था के को देखते हुए की कविताएं में पूंजीवादी व्यवस्था पर प्रबल प्रभाव किया।
साम्यवाद और गांधीवाद में अटूट आस्था रही। अपनी रचनाओं में क्रांति का नवनिर्माण किया।
शिवमंगल सिंह ‘सुमन’ की रचनाएँ ( Shivmangal Singh ‘Suman’ ki rachnaye)
सुमन जी की कविताएं हर्ष , आशा और उत्साह के भाव से आपके द्वारा रचित प्रगतिवाद और राष्ट्रीय चेतना से परिपूर्ण अनेक सुंदर साहित्य की शोभा बढ़ाती हैं।
हिल्लोल – सुमन जी की प्रेमगीतों का संग्रह है इसमें हृदय की कोमल भावनाओं का चित्रण किया गया है।
पर आंखों से भरी नहीं – इसमें मिलन की आकांक्षा सौंदर्य और प्रेम का मनोहारी चित्रण किया गया है
- जीवन के गान
- प्रलय सृजन,
- विश्वास बढ़ता चला गया
- विन्ध्य हिमालय
सुमन जी की क्रांतिकारी भावना से ओतप्रोत की रचनाओं का संग्रह परिजन विश्वास बढ़ता है क्या विंध्य हिमालय में देश प्रेम और राष्ट्रीयता भावना से ओत-प्रोत कविताओं का संग्रह है।
शिवमंगल सिंह ‘सुमन’ की भाषा शैली
भाषा शैली सुमन जी की भाषा शैली कोमल लालित्य से परिपूर्ण है। विषय और भाषा के अनुसार शब्दों का प्रयोग किया गया है सुमन जी मुक्तक शैली के कवि हैं इन्के गीतों में मस्ती उल्लास और संगीतात्मकता से परिपूर्ण है।
FAQs
शिवमंगल सिंह ‘सुमन का जन्म 5 अगस्त 1915 में बसंत पंचमी के दिन उन्नाव जिला के झगरपुर गांव में हुआ था।
शिवमंगल सिंह ‘सुमन’ को आधुनिक काल (प्रगतिवादी युग) का कवि माना जाता हैं।
जरूर जानें –
Conclusion
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